Hitomu Maki
2 min readAug 22, 2019

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७ पहलु : एक पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए

Life

1. आपका शरीर आपका साथ तब तक देगा जब तक आप उसका साथ देंगे। एक रोग मुक्त काया होना अपने आप में एक वरदान है। अभी तक हमारा जीवन इसी प्रकार चला की बिमारी हुई तो डॉक्टर के पास चले गए। प्रिवेंटिव हेल्थ का मतलब है आप अपने सवास्थय का ध्यान खुद दें। बिमारी के आने की नौबत ही न आये, अपने जीवन में वैसे ही रोज़मर्रा गतिविधियाँ डालें ।

2. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत- तनाव मुक्त जीवन आज की भाग दौड़ में मुश्किल हो गया है । कभी अपने जॉब्स को ले कर, कभी रिश्तों को, कभी पैसे और कभी यूँ ही हम खुद को तनाव यानि स्ट्रेस देते आये हैं । दिल की बिमारी और डायबिटीज २ ऐसे रोग हैं जो तनाव की वजह से शुरू होते हैं और ख़तम शायद कभी हो ही नहीं पाते :( आदमी ही खतम हो जाता है |

3. मनुष्य एक सामाजिक जानवर है — यह कथन आपने काफी बार सुना होगा। समाज जो पहले सुरक्षा देता था, आज वही प्रतिपीड़न का कारण भी बन गया है । लेकिन विश्व में आज भी वही कम्युनिटीज ज्यादा समय तक जीती हैं जो आपस में परस्पर प्रेम और संवेदना से रहती हैं । लम्बे जीवन यापन का एक काफी महत्वपूर्ण कारण है घुल मिल के रहना ।

4. आध्यत्मिक विचार — मुझे आपको कोई ज्ञान नहीं देना है । मेरा मानना है की यह हर किसी का निजी मामला है । किसी को पत्थर में इंसान दिखता है और किसी को इंसान में भी पत्थर। यह मनुष्य की प्रकृति है । आपको जैसा विचार सही लगे, उसी के अनुसार आप अपने जीवन की दिशा तय करें ।

5. प्रकृति — आप इस संसार में अकेले नहीं हैं । मानव के अलावा पेड़ पौधों में और जानवरों में भी जीवन है । कैसे हम प्रकृति के नियमानुसार सबके साथ एकता में रहें , वही हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेगा । जो दादा बोएगा , वही पोता खायेगा ।

6. कर्म — सोच बड़ी छोटी हो सकती है, कोई भी कार्य बड़ा या छोटा नहीं है । अच्छे कर्म करना आपको ख़ुशी देगा ।

7. मृत्यु — जीवन का सबसे बड़ा सत्य और सबसे बड़ी सुंदरता भी की यह एक दिन ख़तम हो जायेगा । यह जानते हुए भी, मानव अपने मन में जो अहम् भर लेता है, वह काफी आश्चर्यजनक है । कोई एक क्षण में जीवन जी लेता है और कोई जीवन को क्षण -२ करके जीता है । जब आप आ ही गए हैं, मानव जनम में, तो इसे भरपूर जीयें ताकि अंत में आपको यह अहसास न हो की काश….

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Hitomu Maki

Onward & Backward and Here and Now: On aJourney in which I’m the Traveller; I’m the Path; I’m the Destination